यादें न जाए बीते दिनों की -के कामेश्वरी

Post Views: 1 सन् १९८० की बात है। जब मैं कॉलेज में पढ़ती थी। जैसे ही मैं कॉलेज से घर पहुँची। मैंने देखा माँ मुस्कुरा रही है और कुछ इशारा कर रही थी। पहले तो मुझे समझ नहीं आया फिर मुझे लगा कि बेडरूम की तरफ़ इशारा कर रही थी। मैं झट से बेडरूम की … Continue reading यादें न जाए बीते दिनों की -के कामेश्वरी