वो “आंखमूंदी गुड़िया” वाला प्यार…! – मीनू झा

Post View 1,233 लो खिलौनों की कमी थी क्या इसके पास जो फिर तू ये खिलौने ले आई बहू.. तुम दोनों तो एक बच्ची क्या हो गई है पागल ही हो गए हों..पूरे घर को खिलौनों का कारखाना बनाकर रख दिया–बाहर से आई प्रीति के हाथ में खिलौनों का पैकेट देखकर सास रीमा बोल पड़ी। … Continue reading वो “आंखमूंदी गुड़िया” वाला प्यार…! – मीनू झा