वो वृद्धा……………मोनालिसा ‘असीम’

Post View 615   प्रेमचंद जी ने बहुत सही कहा है बुढ़ापा बहुधा बचपन का पुनरागमन होता है,पर बुढ़ापे की  आयु भी किसी -किसी के लिए इतनी लम्बी होती है कि वो बचपन से गुजर कर शैशव अवस्था में पहुंच जाती है।          मेरे पड़ोस में भी एक ऐसी ही वृद्धा हैं स्वच्छ-सफेद साड़ी में लिपटी हुई … Continue reading वो वृद्धा……………मोनालिसा ‘असीम’