वो सच में एक भाई का फर्ज़ निभा गया था – गीतू महाजन

Post Views: 5 भरी दोपहर में दरवाज़े की घंटी बजी तो नीता जी  बड़बड़ाते हुए बिस्तर से उठी,”यह कोरियर वाले भी इतनी दोपहर को ही आते हैं या कोई सेल्स गर्ल होगी।इन सब को यही समय मिलता है आने का।अभी-अभी तो फुर्सत से लेटी थी मैं”। दरवाज़ा खोला तो सामने एक तेईस चौबीस वर्ष का … Continue reading वो सच में एक भाई का फर्ज़ निभा गया था – गीतू महाजन