Post View 202 जनवरी की उस शाम धारासार बरसात शुरू हो गई थी. वह नखशिख भींगा हुआ था और जंगल में पेड़ के नीचे खड़ा कांप रहा था, तभी जोर की बिजली कड़की और उसने देखा, उस पेड़ के ठीक पीछे एक मकान था। वह मकान लकड़ी का टूटा हुआ था, लेकिन कुछ रोशनी सी … Continue reading वो रात – अनुज सारस्वत
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