वो एक थप्पड़ – सरिता गर्ग ‘सरि’ 

Post Views: 7        बरसों बाद अपने इस पुराने शहर लौटा तो मन में अजीब से भाव कोलाहल मचा रहे थे। बस से उतरते ही देखा आसमान में बादल के काले  -सफेद टुकड़े दौड़ लगा रहे थे। ठंडी हवा बेलौस मतवाली नार सी बह रही थी। मैं चाह रहा था जल्दी घर पहुंच जाऊँ मगर मैने … Continue reading वो एक थप्पड़ – सरिता गर्ग ‘सरि’