विंडो सीट – अंजु गुप्ता ‘अक्षरा’ : Moral Stories in Hindi

Post View 76 गर्मियों की छुट्टियों के समय कन्फर्म सीट मिलना कोई आसान बात न थी । भतीजी की सगाई एकदम से तय हो गयी थी, सो जाना भी जरूरी था । विनय को ऑफिस से छुट्टी न मिल पायी थी। एक-दो दिन में आने का वायदा कर उसने सुरभि को जयपुर से चलने वाली … Continue reading विंडो सीट – अंजु गुप्ता ‘अक्षरा’ : Moral Stories in Hindi