वे सच में ‘हैंडसम’ थे 

Post Views: 22 स्मृति बीते हुए किसी विशेष पल के बंधन में जकड़ी नहीं रह पाती ,इसमें इतना अपनापन ,इतना माधुर्य होता है कि वह किसी भी वक्त वर्तमान बन बेहद करीब आ बैठती है .सच कहूं तो स्मृति उस सुगन्धित धूप बत्ती के सदृश होती हैं जो जल कर बुझ भी जाए तो भी … Continue reading वे सच में ‘हैंडसम’ थे