वसूली…… विनोद सिन्हा “सुदामा”

Post View 733 मैं जब भी उन्हें अपनी माँ से बातें करती देखती तो जाने क्यूँ मुझे बहुत गुस्सा आता… दूसरी मुझे इस तरह रोज रोज़ उनका मेरे घर आना जाना भी काफी नापसंद था… कभी कभी तो देर रात तक सिर झुकाए घंटों बैठे रहते… मैंने एकाध बार दबी जुबान से इसका विरोध करते … Continue reading वसूली…… विनोद सिन्हा “सुदामा”