वसूली…… विनोद सिन्हा “सुदामा”

Post Views: 3 मैं जब भी उन्हें अपनी माँ से बातें करती देखती तो जाने क्यूँ मुझे बहुत गुस्सा आता… दूसरी मुझे इस तरह रोज रोज़ उनका मेरे घर आना जाना भी काफी नापसंद था… कभी कभी तो देर रात तक सिर झुकाए घंटों बैठे रहते… मैंने एकाध बार दबी जुबान से इसका विरोध करते … Continue reading वसूली…… विनोद सिन्हा “सुदामा”