वक्त वक्त की बात है – सुभद्रा प्रसाद
Post View 896 “धीरज बाबू, साहब आपको अपने कक्ष में बुला रहे हैं |” कार्यालय का आदेशपाल धीरज बाबू से बोला | “नये साहब आ गए, क्या? ” धीरज ने पूछा | “हाँ, कल ही आये हैं |आप दो दिन से छुट्टी पर थे ना |कल ही सारे कर्मचारियों से उन्होंने मिल लिया | … Continue reading वक्त वक्त की बात है – सुभद्रा प्रसाद
Copy and paste this URL into your WordPress site to embed
Copy and paste this code into your site to embed