वक्त भी सास नंदों के यातनाओं पर धूल नहीं डाल पाता  – सुल्ताना खातून

Post View 278 मेरा नौवां महीना चल रहा होता था, तब भी इतना बड़ा पेट लेकर अकेले मैं पूरे परिवार के लिए खाना बनाती थी, मेरी नंद तो एक काम में भी हाथ नहीं बटाती थी, और तो और इंतजार करती खाना पकने का बस खाना पकते ही खाने पहुंच जाती,ये आजकल कि बहुएं हैं … Continue reading वक्त भी सास नंदों के यातनाओं पर धूल नहीं डाल पाता  – सुल्ताना खातून