वादा – लतिका श्रीवास्तव   : Moral stories in hindi

Post View 2,573 बचपन में थोड़ा बड़ा हुआ तो मां मुझे खरीददारी के लिए बाजार भेजने लगी थी।सब्जी लाना हो फल लाना हो मां अब मुझे ही कहती और जितने रुपए देती पूरा हिसाब पूछती और फिजूल खर्ची उसके बर्दाश्त के बाहर थी।पहले पहल तो बहुत बुरा लगता था मुझे बाजार जाना और सब्जी मंडी … Continue reading वादा – लतिका श्रीवास्तव   : Moral stories in hindi