वियोग का संयोग – विजया डालमिया
Post View 1,401 आरोही ….आरोही…. आरोही… कहकर आनंद ने उसे आवाज दी। पर वह आवाज बिना प्रत्युत्तर के उसी के पास फिर आ गई। आनंद बड़े गौर से आरोही को ही देख रहा था। उसकी आँखें …वे आँखें जिन्हें देखकर वह सब कुछ भूल जाता था। आखिर हुआ क्या है आरोही को? अचानक उसने कहा…” … Continue reading वियोग का संयोग – विजया डालमिया
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