वितृष्णा – ऋतु यादव : Moral Stories in Hindi

Post Views: 9 आँगन में पहला कदम रखते ही जैसे वक्त की धूल झाड़ कर पुराने दृश्य मेरी आँखों के सामने उभरने लगे। वही आँगन, वही तुलसी चौरा, और वही कोना जहाँ अक्सर बैठकर दादी रामायण पढ़ा करती थीं। पर सबसे पहले जो चेहरा सामने उभरा, वो था उस झीनी फ्रॉक वाली लड़की का। झीनी … Continue reading वितृष्णा – ऋतु यादव : Moral Stories in Hindi