विश्वास – पुष्पा पाण्डेय

Post View 7,060 बीरा के इंतजार में कुसुम अभी तक स्नान-पूजा भी नहीं कर पायी थी। रोज सात बजे तक बीरा आ जाती थी। दस बज चुके। वैसे भी दो दिन से कुसुम सिर दर्द  से परेशान थी। इंतजार करते-करते जुठे बर्तन भी धूल चुके। अब झाडू उठाने ही वाली थी कि दरवाजे की घंटी … Continue reading विश्वास – पुष्पा पाण्डेय