विष उगलना – शनाया अहम : Moral Stories in Hindi

Post Views: 10 वाह श्रेया वाह, मैंने तुम्हें कभी अपनी नन्द की नज़रों से नहीं, अपनी बेटी की नज़र से देखा है।।  माँ जी के गुज़र जाने के बाद तुम्हें उनकी कमी महसूस न हो इसलिए मैंने तुम्हें अपनी बेटी की तरह पाला, सिर्फ 8 बरस की थी तुम जब माँ जी इस दुनिया से … Continue reading विष उगलना – शनाया अहम : Moral Stories in Hindi