विरोध – शकुंतला “अग्रवाल शकुन”

Post View 699 चाँद आज यौवन के घोड़े पर सवार हो,चाँदनी बिखेर रहा है। चकोर भी भाव विभोर हो तृप्त हो रहा है। पर इस सम्मोहक-वातावरण में भी वातायन से झाँकते वेदैही के झील से दो नयनों में अश्रु-कण झिलमिला रहे हैं । सौम्य-शीतल चाँदनी में भी उसके भीतर ज्वालामुखी फूट रहा है , जिसका … Continue reading विरोध – शकुंतला “अग्रवाल शकुन”