विदाई का मंडप – डा.मधु आंधीवाल
Post View 312 आज मां की विदाई का मंडप सजाया जा रहा था । अरे सब सोच रहे होंगे ये कैसे संभव है। नमिता हां यही तो है कनिष्क, शौर्य,रुचि,संवेदना,चारू,तोषी की यशोदा मां । उसने समाज का दंश झेला था क्योंकि यह किन्नर थी । कोई रात के अन्धेरे में इसे कचरे के ड्रम में … Continue reading विदाई का मंडप – डा.मधु आंधीवाल
Copy and paste this URL into your WordPress site to embed
Copy and paste this code into your site to embed