“वैराग्य क्यूँ..?” – रंजना बरियार

Post View 397 एक समय था जब माली के बेटे सोनू को आम का पौधा लगाते देख नीलिमा जी ने पूछा था “कहाँ से लाकर पेड़ लगा रहा है सोनू?” आँटी जी, आज बाबा ने मुझे सौ रुपये दिये, कहा “मैं तो तुझे पढ़ा नहीं सकूँगा..एक-एक आम का पौधा  मेरे पाँच घरों में लगा ले, … Continue reading “वैराग्य क्यूँ..?” – रंजना बरियार