वह जली हुई रोटी – पूजा मनोज अग्रवाल

Post Views: 6 स्निग्धा,,,!!  मानवी ! ! ,अरे !!  कहां रह गई तुम दोनों ,,?  शांति जी ने अपनी दोनों बहुओं को रौबीले स्वर में आवाज़ लगाई ,,।  खाना टेबल पर लग गया है देरी मत करो,,, खाना ठंडा हो जाएगा,,। जी ,,,  मां जी ,,,आई ।। दोनों देवरानी – जेठानी ने एक ही स्वर … Continue reading वह जली हुई रोटी – पूजा मनोज अग्रवाल