Post View 267 स्मृतियों के झरोखों से – वीणा जब पीछे मुड़ कर देखती हूं तो दिखते हैं वे लड़के जो उछाल देते थे एक दिलफेंक मुस्कान उनकी ओर देखने पर या गिरा देते थे कागज का एक टुकड़ा उनके समीप से गुजरने पर जिस पर लिखा होता था रटा रटाया जुमला–मैं तुम्हे प्यार करता … Continue reading स्मृतियों के झरोखों से – वीणा
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