*वट वृक्ष* – बालेश्वर गुप्ता : Moral Stories in Hindi

     भजनों की स्वर लहरी गूंज रही थी,बधाई हो बधाई के स्वरमय गीत से सभी का हृदय स्पंदित हो रहा था।सभी, करतल ध्वनि से वातावरण को और सुर मय बना रहे थे।         आज ही मैं अपनी ही सोसायटी निवासी नरोत्तम जी जिन्हें मैं अपने पिता तुल्य ही मानता हूं,पर हमारा परस्पर व्यवहार मित्रता जैसा है,के फ्लैट … Continue reading *वट वृक्ष* – बालेश्वर गुप्ता : Moral Stories in Hindi