वसीयतनामा – नन्दलाल भारती : Moral stories in hindi
Post Views: 3 सुबह मौन थी। सूरज की रोशनी पेड़ों के झुरमुटों से शनै शनै झर रही थी पर किसी को इस अद्भुत प्राकृतिक नजारे से कोई सरोकार न था क्योंकि मुकुल के निष्प्राण शरीर को पुआल बिछा कर लेटा दिया गया था। सब की नजरें मुकुल के मृत शरीर पर टिकी थी। कुछ लोग … Continue reading वसीयतनामा – नन्दलाल भारती : Moral stories in hindi
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