उपहार की कीमत नहीं दिल देखा जाता है। – प्रतिमा श्रीवास्तव : Moral Stories in Hindi

Post View 5,376 कुसुम जी के तेवर में आज सख्ती थी।बहू रीत की मां ने सबके लिए कुछ उपहार स्वरूप कपड़े, मिठाइयां और लिफाफे भेजे थे क्योंकि रीत की पहली दीपावली थी। रीत ” तुम्हारी मां को हमारी हैसियत का बिल्कुल अंदाजा नहीं  है। ऐसे कपड़े हमलोग नहीं पहनते हैं, अगर देना है तो ढंग … Continue reading उपहार की कीमत नहीं दिल देखा जाता है। – प्रतिमा श्रीवास्तव : Moral Stories in Hindi