उपहार (भाग-12) – बीना शुक्ला अवस्थी : Moral stories in hindi

Post View 187 सुनते ही जैसे वह अपराध मुक्त हो गया। उसकी आत्मा जैसे सुख और आनन्द से सराबोर हो गयी। वह ऑखों में ऑसू भरकर मूर्ति के चरणों में गिर पड़ा – ” प्रभो! जिसे हम पाप और पुण्य कहते हैं, वह सब तुम्हारी इच्छा से रची माया मात्र है। दक्षिणा के पैर की … Continue reading उपहार (भाग-12) – बीना शुक्ला अवस्थी : Moral stories in hindi