उपहार (भाग-1) – बीना शुक्ला अवस्थी : Moral stories in hindi
जब से अहिल्या दक्षिणा से मिलकर आई है मुकुल का मन बार-बार कर रहा है कि वह चुपचाप जाकर दूर से दक्षिणा को देख आये । दक्षिणा की प्यारी हॅसी उसके कानों में गूॅज रही थी, नेत्रों की तरलता साकार रूप धरकर बाॅहें फैलाए उसके गले लगने को आतुर थीं, राज को छुपाने वाले बन्द … Continue reading उपहार (भाग-1) – बीना शुक्ला अवस्थी : Moral stories in hindi
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