“उनके जैसी” – ऋचा उपाध्याय : Moral Stories in Hindi

Post View 23     “आज माँ की पार्टी की इतनी ज़रूरी मीटिंग है, चुनाव में नामांकन का पर्चा दाखिल करना है, उस पर से उन्हें कमज़ोरी भी लग रही है, सुनंदा तुम तुरंत वापस आओ, बार बार माँ तुम्हे ही बुला रही हैं”।    “क्या हुआ अनुराग! सुबह तक तो वो बिल्कुल ठीक थीं। बस मेरा नाम … Continue reading “उनके जैसी” – ऋचा उपाध्याय : Moral Stories in Hindi