उम्र के आखिरी पड़ाव की कीमत – दिक्षा बागदरे : Moral Stories in Hindi

Post Views: 7 “वक्त बहुत महत्वपूर्ण होता है, कब वह हाथों से रेत की तरफ फिसल जाए पता ही नहीं चलता।”  “समय अपनी गति से आगे ही बढ़ता जाता है और हम उम्र के उस पड़ाव पर आकर खड़े हो जाते हैं जहां से वापस पीछे जाना नामुमकिन होता है।” शालिनी जी के यह शब्द … Continue reading उम्र के आखिरी पड़ाव की कीमत – दिक्षा बागदरे : Moral Stories in Hindi