उम्मीद का दामन – निभा राजीव “निर्वी”

Post Views: 15 अपने आठ माह के बच्चे को गोद में लिए कमली ने एक बार फिर अपने खेतों को विवश आंखों से निहारा। बारिश के अभाव में शुष्क होकर मानो धरती का सीना फट गया था। जगह-जगह दरारें फटी हुई थी। कमली को ऐसा लगा मानो वे दरारें जमीन के साथ-साथ आंतों में भी … Continue reading उम्मीद का दामन – निभा राजीव “निर्वी”