उधार – डॉ. पारुल अग्रवाल,  : Moral Stories in Hindi

Post Views: 13 दिव्या और नीतू बचपन की सहेलियाँ नहीं थीं, परंतु एक ही सोसाइटी में रहने और हर रोज मिलने से उनमें घनिष्ठता बन गई थी। दोनों की उम्र में थोड़ी बहुत समानता थी और उनकी एक जैसी सामाजिक परिस्थितियों ने भी उन्हें आपस में जोड़ दिया था। दिव्या एक मध्यम वर्गीय परिवार से … Continue reading उधार – डॉ. पारुल अग्रवाल,  : Moral Stories in Hindi