महेश की बुआजी से फोन पर हुई बातों से गरिमा बहुत परेशान हो गई थी और सोचने पर मजबूर हो गई थी कि सही तो कह रही हैं बुआ जी जब से मैं इस घर में आई हूं अपनी सारी जिम्मेदारियां अच्छी तरह से निभाई है और जब मेरे बच्चों का समय आया तो मैं ठन ठन गोपाल होकर खड़ी हो गई,
गरिमाा के।ससुर तो गरिमा की शादी से पहले ही चल बसे थे और गरिमा की सास भी उसकी शादी के 4 साल बाद ही अपने छोटे बेटे और बेटी का हाथ गरिमा के हाथ में देकर चल बसी थी तब गरिमा की बेटी आन्या भी सिर्फ 1 साल की ही थी।
उस समय महेश का छोटा भाई आलोक 12वीं क्लास में और नंद राखी दसवीं क्लास में थे। उनकी पढ़ाई और शादी की जिम्मेदारी मां बाप की ही तरह निभाई थी। उनके भाई भाभी ने।गरििमा की बेटी आन्मा की बैंक में नौकरी लगे हुए अभी एक महीना ही हुआ है।
महेश का छोटा भाई आलोक अपनी पत्नी और दो बच्चों के साथ मुंबई में रहता है। और राखी दिल्ली में, अपने परिवार के साथ रहती है। महेश की रेडीमेड गारमेंट्स की दुकान है।
उसकी बेटी का अच्छे घर में रिश्ता पक्का हो चुका है। लड़का बैंक में ही नौकरी करता है। द़ो महीने बाद ही उसकी शादी है । लेकिन सभी जिम्मेदारियां निभाने में महेश के पास ज्यादा बैंक बैलेंस नहीं था अभी उन्होंने अपने बेटी की शादी के विषय में नहीं सोचा भी नहीं था
लेकिन अच्छा लड़का मिल जाने के कारण वे इस रिश्ते को हाथ से नहीं जाने देना चाहते थे। इसीलिए सब कुछ बहुत जल्दी-जल्दी हो गया था। करीमन ने सोच लिया था आज वह अपने पति से इस बारे में बात करेगी ।द़पहर का खाना खाने के लिए घर आए अपने पति से, खाना खिलाने के बाद उसने कह ही दिया,
देखो जी आज तक मैंने कभी आपसे कुछ नहीं कहा लेकिन आज मेरी बेटी के भविष्य का सवाल है आप थोड़े से पैसे आलोक से भी ले सकते हो लड़के वालों की कुछ मांग न होने पर भी अपनी बेटी को हम खाली हाथ थोड़े भेजेंगे ससुराल में।
आखिर हमने भी उनकी पूरी जिम्मेदारी मन से निभाई है। गरिमा लगातार ही बोले जा रही थी। तुम कैसी बातें कर रही हो गरिमा ,क्या समझेगा आलोक कि मैं उस पर लगाए खर्च का हिसाब मांग रहा हूं अपनी बेटी की शादी के बहाने?
मैंने कोई एहसान नहीं किया है अपने भाई बहनों पर अरे मां के जाने के बाद क्या उनको अनाथों की तरह छोड़ देता मैं? मत भूलो दुकान पर और इस घर पर उसका भी बराबर का हिस्सा है। महेश ने कहा। अरे तो मैं ऐसा कहां कह रही हूं
मैंने तुम्हारा और तुम्हारे भाई बहनों का हर कदम पर साथ दिया है? आपने ही कभी अपने परिवार के सामने अपनी बच्ची को और मुझे ही तवज्जो नहीं दी। मैंने कभी आपको आपकी जिम्मेदारी निभाने से नहीं रोका बल्कि हमेशा आपके साथ खड़ी रही लेकिन केवल यही बात मै हमेशा कहती थी
कि अपने भाई बहनों के साथ-साथ अपनी बेटी के विषय में भी थोड़ा बहुत सोचना चाहिए। अब आप ही बताओ भले ही लड़के वालों ने कुछ डिमांड ना की ह़ो लेकिन लड़की को खाली हाथ थोड़ी ना विदा करेंगे। और अपने उठने बैठने वालों को खिलाना भी पड़ता है जब आपने बिटिया के रिश्ता पक्का होने की खबर दी
थी आलोक को तो पूछ तो सकता था की बेटी के शादी के लिए सारा इंतजाम हो चुका है ना भैया लेकिन उसने तो कुछ भी नहीं पूछा। राखी से तो मैं कोई उम्मीद ही नहीं कर रही हूं क्योंकि वह ससुराल में रहती है। लेकिन अपनी भतीजी की शादी के लिए क्या चाचा और बुआ का कोई फर्ज नहीं बनता है? सारे फर्ज हमारे ही थे उनका कोई फर्ज नहीं है हमारे लिए। चुप हो जाओ गरिमा भगवान के लिए चुप हो जाओ क्यों अपना पहला सब किया धरा मिट्टी में मिला रही हो?
पैसों की वजह से रिश्तो में दरार नहीं आनी चाहिए।
क्योंकि पैसा तो आ ही जाता है लेकिन टूटते रिश्ते जो बिखर जाते हैं वो कभी नहीं जुड़ते। अब तुम अपने मायके में ही देख लो एक जरा सी दुकान के ऊपर आपस में कितनी दुश्मनी निभाई जा रही है एक दूसरे का मुंह भी देखना पसंद नहीं करते
तुम्हारे भाई। यहां तक कि तुम्हारे त्योहारों को भी उन्होंने आपस में बांट लिया है। आजकल लोग गैरों को अपने बनाने में तो विश्वास रखते हैं। लेकिन अपनों से पूरी दुश्मनी निभाते है अरे रिश्ते जब उलझ जाते हैं तो सुलझाने बहुत मुश्किल हो जाते हैं।
हफ्ते में दो-तीन बार मेरे दोनों भाई बहनों का फोन आ जाता है मेरे हाल-चाल पूछते हैं। इससे ज्यादा मुझे उनसे कुछ नहीं चाहिए और मैं जानता हूं उन्हें ,मेरी एक आवाज पर दौड़े चले आएंगे मेरे भाई बहन। अगर केवल पैसे की वजह से हमारे प्यार भरे रिश्ते टूट गए
तुम ही बताओ क्या मैं अपनी बेटी की शादी में अपने परिवार के होते हुए अकेला खड़ा हुआ अच्छा लगूंगा। क्या बीतेगी मेरी मां की आत्मा पर? और फिर इतना भी खाली नहीं हूं मैं की अपनी बेटी की शादी ही ना कर सकूं भगवान की दया से मेरी दुकान भी सही चलती है
अपनी बेटी को अपने पैरों पर खड़ा कर दिया है मैंने तुम्हें चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है मैं सब कुछ संभाल लूंगा, इतना कहकर महेश दुकान पर चला गया। अगले दिन आलोक बिना कोई सूचना दिए।अपने परिवार के साथ अपने भाई के पास आ जाता है।
और शाम तक ही राखी भी उनके पास आ जाती है दोनों भाई बहनों ने सरप्राइज देने का प्लान बनाया था अपने भैया भाभी के लिए। खुशी की वजह से आंख भर आती है तीनों भाई बहनों की। एक दूसरे को देखकर। गरिमा भी बहुत खुश थी। आलोक बताता है
भैया पूरे 15 दिन की छुट्टी लेकर आया हूं मैं। और राखी को भी इसीलिए पहले से ही बता दिया हम दोनों ने साथ मिलकर ही यह प्रोग्राम बनाया था। आन्या ,की शादी की तैयारी भी तो करनी है। सारा परिवार बहुत दिनों के बाद एक छत के नीचे इकट्ठा हुआ था
इसलिए घर में आज कितनी रौनक आ गई थी। इसपीढ़ी की पहली शादी है कोई कमी नहीं होने देंगे हम ।आन्या की शादी में। अगले दिन ही शादी के लिए दोनों भाई मिलकर बैंक्विट हॉल भी बुक कर आते हैं। आन्या का सामान भी इकट्ठा हो जाता है।
सारा खर्च आलोक ही कर रहा था क्योंकि फिलहाल महेश के पास पैसे नहीं थे? लेकिन उसने सब हिसाब खर्च का लगा लिया था। अगले दिन महेश बैंक से पैसे निकाल कर अपने भाई को देता है तो आलोक अपने भाई के सीने से लगाते हुए कहता है ।
भैया फिर तो आपको भी हमसे एक-एक पैसे का हिसाब मांगना चाहिए मां के न रहने से हम तो अनाथ ही हो चुके थे अगर आपने हमारी जिम्मेदारी न निभाई होती। इतना अनजान नहीं हूं मैं मुझे , सब पता है भैय।, आलोक भैया बिल्कुल स ही कह रहे हैं,
भैया। राखी ने भी उसकी हां में हां मिलाई। आपने अपने बारे में कुछ भी ना सोच कर हमारी सारी जिम्मेदारी पूरी की और हम इस समय आपको अकेला कैसे छोड़ सकते हैं हमारा एक परिवार है हमारे सुख-दुख भी एक दूसरे के लिए मायने रखते हैं? हम इतने स्वार्थी नहीं है भैया।
अच्छा चुप हो जा मेरी मां सही कहते हैं लोग बेटी मां की परछाई होती है। मेरी मां तुझ में आकर बस गई शायद। बिना किसी और के सामने हाथ फैलाए परिवार ने मिलकर एक बेटी की इतनी शानदार शादी कैसे कर दी किसी को पता भी ना चला?
गरिमा को मन ही मन अपनी सोच पर ग्लानी भी महसूस हो रही थी। उसे लग रहा था अगर वह बुआ जी के खाने में आकर कुछ भी अपने देवर से बोल देती तो जाने क्या होता? सच में भगवान का शुक्र है रिश्ते टूटे टूटे बच ही गए।
सच ही कहा है किसी ने।
कुछ इस तरह से टूटते रिश्ते बचा लिया करो।
अपने रूठे हो तो मना लिया करो।
छोटी-छोटी बातों को दिल से लगाया ना करो
जहां झुकना जरूरी हो वहां झुक जाया करो
॰ पूजा शर्मा स्वरचित।
Wonderful story. My salute to you.
Hats off to u sister
Hats off to you sister
Please delete this one @Admin as it was same as that earlier one