तुम्हारी मॉं के संस्कार..!! – भाविनी केतन उपाध्याय 

Post View 500   कृष्णकांत जी पलंग पर लेटे-लेटे सोच रहे हैं और उनकी आंखों से अश्रु बह रहे हैं, नन्हा पांच साल का उनका पोता भौतिक जो पास में बैठकर खिलौने से खेल रहा है। उसने अपने दादाजी को रोते देख अपनी मा सुनिता को पुकारा, “मां देखो ना दादाजी रो रहे हैं।” सुनिता … Continue reading तुम्हारी मॉं के संस्कार..!! – भाविनी केतन उपाध्याय