तुम्हारे सहारे की नहीं ,साथ की दरकार थी। – स्मिता सिंह चौहान

Post Views: 5 रागिनी अस्पताल की खिड़की से बाहर एकटक निहार रही थी,जैसे इंतजार कर रही हो किसी का।तभी कमरे का दरवाजा खुला और राजीव हाथ में कुछ फल और दवायें लेकर अंदर दाखिल हुआ “पता है रागिनी डाक्टर कह रहा था ,तुम रिकवर कर रही हो ।जल्द ही घर जा पाओगी ,फिर हम खूब … Continue reading तुम्हारे सहारे की नहीं ,साथ की दरकार थी। – स्मिता सिंह चौहान