तुम्हारा पिता हुं , कोई कबाड़ का सामान नहीं !! – स्वाती जैंन : Moral Stories in Hindi

Post Views: 19 पापा , हम घर पहुंच चुके हैं ,चलिए आईए कहते हुए छोटे बेटे रोहन ने कार का दरवाजा खोला !! कांतिलाल जी बेटे के साथ घर के अंदर पहुंचे तो घर को टकटकी लगाए देखते रह गए !! बीच में बड़ा सा झूमर , महंगा फर्नीचर , मखमली सोफा , डायनिंग टेबल … Continue reading तुम्हारा पिता हुं , कोई कबाड़ का सामान नहीं !! – स्वाती जैंन : Moral Stories in Hindi