“तू मेरा सहारा और मैं तेरा” – ऋतु अग्रवाल

Post View 244      “सुभीत! आप समझ नहीं रहे। नौकरी करने का उद्देश्य एकमात्र पैसे कमाना नहीं होता। हम काम इसलिए भी तो करते हैं ताकि आत्मनिर्भर बन सकें, कुछ नया सीख सकें, स्वयं को व्यस्त रख व्यर्थ की बातों और उधेड़बुन से दूर रह सकें।” मालिनी अपना पक्ष रख रही थी।        “मालिनी! मैं तुम्हारी बातों … Continue reading “तू मेरा सहारा और मैं तेरा” – ऋतु अग्रवाल