तिरस्कार का पुरस्कार – कमलेश राणा

Post View 637 नारी तुम केवल श्रृद्धा हो, विश्वास रजत नग पद तल में।  पीयूष स्त्रोत सी बहा करो, जीवन के सुंदर समतल में।  जयशंकर प्रसाद की कामायनी में कही गई ये पंक्तियाँ जीवन में नारी के महत्व और परिवार को सुचारु रूप से चलाने में उसकी भूमिका को दर्शाती हैं पर इसके लिए उसे … Continue reading तिरस्कार का पुरस्कार – कमलेश राणा