“थोड़ी सी ज़मीन, थोड़ा सा आसमां” – कविता भड़ाना

Post View 65,138 “देख छोटे एक बार फिर से सोच ले” ना तो वो हमारी हैसियत के लोग है और ना ही उनका समाज में हमारे जैसा रुतबा… अमीरी के दंभ में किशनलाल अपने छोटे भाई दिलीप से बोले… तेरी बेटी है तो फैसला भी तुझे ही लेना है लेकिन मुझे छोटी सी कॉलोनी का … Continue reading  “थोड़ी सी ज़मीन, थोड़ा सा आसमां” – कविता भड़ाना