“तेरे बिना जिंदगी तो लेकिन जिंदगी भी नहीं” – कुमुद मोहन

Post View 4,875 बिस्तर पर लेटी नीरा छत पर घूमते पंखे की घूमती पंखुड़ियों को ध्यान से देख रही थी जिनके घूमने के साथ साथ जैसे वक्त का पहिया कई साल पीछे चला गया हो। सोचते सोचते यादों की किताब के पन्ने जैसे एक-एककर खुलने लगे। वक्त की स्याही धुंधली जरूर पड़ गई थी पर … Continue reading “तेरे बिना जिंदगी तो लेकिन जिंदगी भी नहीं” – कुमुद मोहन