तेजाब – विनय कुमार मिश्रा

Post View 505 “बहुत घमंड है ना उसे अपने चेहरे पर! अगर वो मेरी नहीं हो सकती तो किसी की होने लायक नहीं छोडूंगा” “ठीक कहा तूने, क्या कमी है तुझमें जो वो उस गौरव से बातें करती है” “आज देख तू, मैं उसका चेहरा ही जला दूँगा, फिर वो खुद से भी बातें करने … Continue reading तेजाब – विनय कुमार मिश्रा