तीन जोड़ी भूखी आंखें – रेणु गुप्ता : Moral Stories in Hindi

Post Views: 604 “अरे मन्नी, आज चटनी मत बनइयो  री। वह दो नंबर वाली के महीने भर की मलाई इकट्ठी हो गई है। कल उसका दही भी जमा दिया। अभी जाकर उससे घी  निकालना है। खूब बड़ा भगोना भरकर छाछ  लाऊंगी आज तो।  दस रुपयों  का बेसन और पांच पांच रुपयों का जीरा और  साबुत … Continue reading तीन जोड़ी भूखी आंखें – रेणु गुप्ता : Moral Stories in Hindi