तमन्ना – कमलेश राणा

तमन्नाओं की अपनी एक अलग ही दुनिया होती है,,जहाँ न तो कोई बंदिश होती है और न ही कोई सीमा,,, कभी-कभी तो दुनियाँ को ठेंगा दिखाते हुए ये उन चीजों  के भी ख्वाब देखने लगतीं हैं,,जिसे पाना मुश्किल होता है,, जैसे कभी-कभी चट्टान के बीच में कोई पौधा मुंह चमकाता दिख जाता है,,ठीक उसी तरह … Continue reading तमन्ना – कमलेश राणा