तड़का – अंजू निगम

Post View 1,321 मैंने सास-ससूर दोनो को खाने पर बिठा दिया था| “हमे एक एक रोटी गरम दिया करो|ठंडी रोटी दाँतो से कटती नहीं|”सासूजी ने कहा|    मुझे भी इस बात का अहसास था और दोनो को गरम खाना ही मिले,इस बात का खास ध्यान रखती थी|   “बहू,सब्जी बहुत स्वाद बनी हैं|”ससूरजी ने कहा तो मेरा … Continue reading तड़का – अंजू निगम