तारीख   –  ऊषा भारद्वाज

आज सुबह से मन्टूअपनी दादी को देख रहा था कि उसकी दादी अपने कपड़े तह करके अपने ब्रीफकेस में रख रहीं थी । अपनी जरूरत का सारा सामान धीरे-धीरे छोटी सी बैग में रखा । मंटू दादी के पास आया और उनसे पूछा – “दादी आप कहीं जा रही हो?” सावित्री देवी ने बड़ी मायूसी … Continue reading तारीख   –  ऊषा भारद्वाज