टांग अड़ाना – सरोज माहेश्वरी : Moral Stories in Hindi

Post Views: 13 हॉल में सजे मेडलों को देखकर लालाराम जी बोल उठे..अरे सुहानी! ये तुम्हारे दौड़ में मिले मेडलों से क्य़ा फायदा , तुम पी. टी ऊषा तो बनने वाली हो नहीं फिर क्य़ों  दौड़ भाग के चक्कर में पड़ी हो.. अरे शेखर! खिलाड़ी बनाने में क्यों बेटी का समय बर्बाद कर रहे हो। … Continue reading टांग अड़ाना – सरोज माहेश्वरी : Moral Stories in Hindi