स्वार्थ का चश्मा उतर गया – संगीता त्रिपाठी  : Moral Stories in Hindi

Post Views: 87 ” इतनी देर क्यों कर दी रति,कब से सब लोग तेरा इंतजार कर रहे थे, कि तू आये फिर चाय पी जाये “, अनीता ने थोड़ा खींझ कर कहा। “अरे भाई संयुक्त परिवार में रहती हूँ तो देर होना स्वाभाविक है, अभी भी सब्जी लेकर आ रही हूँ , तुम लोगों के … Continue reading स्वार्थ का चश्मा उतर गया – संगीता त्रिपाठी  : Moral Stories in Hindi