सूरत नहीं, सीरत भली – विभा गुप्ता : Moral Stories in Hindi
Post View 39 ” नीतू..तू अपना मनहूस चेहरा लेकर फिर मेरे सामने आ गई…चल भाग यहाँ से…।” कल्पना ज़ोर-से अपने जेठ की बेटी पर चिल्लाई।चाची की कड़वी बात सुनकर नीतू का मन आहत हो गया।वो कमरे में जाकर रोने लगी तभी उसकी दादी आ गई और उसके सिर पर प्यार-से हाथ फेरते हुए बोली,” मेरी … Continue reading सूरत नहीं, सीरत भली – विभा गुप्ता : Moral Stories in Hindi
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