सूरज न बन पाए तो! – नीलम सौरभ

Post View 1,274 “क्या गाता है यार आर्यन!…लग रहा था बस सुनते जाओ।” बी.ए. द्वितीय वर्ष की छात्रा शुभा अपने सहपाठी की प्रशंसा करते हुए नहीं थक रही थी। “सच में! जितना सेंसफुल सॉन्ग था, उतनी ही इमोशन भरी आवाज़…सूरज न बन पाये तो, बनके दीपक जलता चल।” मेधा ने भी कोई कसर बाक़ी न … Continue reading सूरज न बन पाए तो! – नीलम सौरभ