सुनो बसंती रे…. काहे सताए आ जा.. – विनोद सिन्हा “सुदामा”

Post Views: 7 कहते हैं इंसान जब अंदर से टूट जाता है तब बाहर से खामोश हो जाता है…अंदर शोर तो बहुत होता है पर बाहर हर तरफ मौन पसरा रहता है…मेरी हालत भी आज़ कल कुछ ऐसी ही है..जिंदा लाश ..बना हर पल तुम्हारे न होने की वजह ढूँढता रहता हूँ…. कैसे कहूँ…एक तुम्हारा … Continue reading सुनो बसंती रे…. काहे सताए आ जा.. – विनोद सिन्हा “सुदामा”