सुनीता आंटी-तूफ़ान एक्सप्रेस – रश्मि सिंह
Post View 4,837 सुनीता- बहुरानी दरवाज़ा खोलो वरना झाड़ू-पोछा किए बिना चली जाइब। सीमा- आज तो संडे है, आप आज भी जल्दी आ गई। पहले नीचे का काम निपटा लीजिए फिर ऊपर का करिएगा। सुनीता- नीचे का तो हुई गवा हैं। अगर कहो तो हम ज़ाई। सीमा- रुको आंटी आपसे कौन जीत सकता है। सुनीता-तो … Continue reading सुनीता आंटी-तूफ़ान एक्सप्रेस – रश्मि सिंह
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