‘ सुख- दुख तो धूप-छाँव की तरह है ‘ – विभा गुप्ता
Post View 1,879 ” बिटिया, परदेश में हो ना,चिंता तो लगी ही रहती है।लो ,अपने पापा से बात कर लो।” कहकर आरती ने मोबाइल अपने पति आलोक को थमा दिया।उधर से आवाज़ आई, ” पापा, मम्मी को समझाइये ना, मुझे यहाँ रहते हुए पूरे आठ महीने हो गए हैं।अब तो मेरी चिंता न ..।” बेटी … Continue reading ‘ सुख- दुख तो धूप-छाँव की तरह है ‘ – विभा गुप्ता
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